भारत का चीन को एक्सपोर्ट अप्रैल में बढ़कर 1.41 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी महीने में 1.25 अरब डॉलर था। हालांकि, पड़ोसी देश से इम्पोर्ट भी बढ़कर 9.91 अरब डॉलर हो गया, जो बीते साल इसी महीने में 7.6 अरब डॉलर था।

भारत का अमेरिका को एक्सपोर्ट अप्रैल में 27.3 प्रतिशत बढ़कर 8.42 अरब डॉलर रहा। जबकि इम्पोर्ट 63.76 प्रतिशत बढ़कर 5.24 अरब डॉलर पर पहुंच गया। ट्रेड एक्सपर्ट्स ने कहा कि घरेलू निर्यातकों ने दो अप्रैल को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के जवाबी शुल्क से बचने के लिए तेजी से ऑर्डर पूरे किये हैं। बाद में, शुल्क को नौ जुलाई तक के लिए निलंबित कर दिया गया। एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा, ‘‘निर्यात और आयात दोनों बढ़ रहे हैं। हम अमेरिका के साथ व्यापार के स्तर को बढ़ाने के लिए कमिटेड हैं। व्यापार समझौते से यह रिश्ता और प्रगाढ़ होगा।’’
चीन को एक्सपोर्ट भी बढ़ा
आंकड़ों के अनुसार, देश का चीन को एक्सपोर्ट भी अप्रैल में बढ़कर 1.41 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी महीने में 1.25 अरब डॉलर था। हालांकि, पड़ोसी देश से इम्पोर्ट भी बढ़कर 9.91 अरब डॉलर हो गया, जो बीते साल इसी महीने में 7.6 अरब डॉलर था।
रूस से करते हैं 6.23 अरब डॉलर का इम्पोर्ट
इस साल अप्रैल में रूस से इम्पोर्ट 17.7 प्रतिशत बढ़कर 6.23 अरब डॉलर हो गया। भारत के लिए रूस कच्चे तेल का स्रोत है। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में टॉप 5 एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ऑस्ट्रेलिया, तंजानिया और केन्या रहे। जबकि शीर्ष पांच आयात स्रोतों में यूएई, चीन, अमेरिका, रूस और आयरलैंड थे।
अमेरिका पर जवाबी टैरिफ का प्रस्ताव
भारत अमेरिका से आने वाले कुछ प्रोडक्ट्स पर जवाबी टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहा है। भारतीय स्टील और एल्युमिनियम एक्सपोर्ट्स पर अमेरिका के टैरिफ के जवाब में भारत भी यूएस के कुछ प्रोडक्ट्स पर जवाबी टैरिफ लगाना चाहता है। भारत ने अपने इस प्रपोजल के बारे में वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) को जानकारी दी है। भारत ने सेब, बादाम, नाशपाती, एंटी-फ्रीजिंग प्रेपरेशन, बोरिक एसिड, लोहे और स्टील समेत 29 अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर WTO के तहत जवाबी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है।