असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दावा किया है कि अगर मौजूदा वृद्धि दर जारी रहती है तो साल 2041 तक असम में हिंदू और मुसलमानों की आबादी लगभग बराबर हो जाएगी।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को असम में जनसांख्यिकी में बदलाव के मुद्दे पर बड़ा दावा किया है। सीएम हिमंत ने कहा है कि अगर राज्य में मौजूदा वृद्धि दर जारी रहती है तो साल 2041 तक असम में मुस्लिमों की आबादी हिंदुओं के लगभग बराबर हो जायेगी। सीएम हिमंत ने ये भी बताया है कि साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, असम में 34 फीसदी मुसलमानों में से 31 फीसदी वे हैं जो पहले असम में आकर बस गए थे।
क्या बोले सीएम हिमंत?
10 वर्षों में असम में हिंदू अल्पसंख्यक बन जाएंगे” वाले अपने कथित बयान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा- “यह मेरा विचार नहीं है। यह जनगणना का परिणाम है। आज, 2011 की जनगणना के अनुसार, असम में 34% आबादी अल्पसंख्यक है। इसलिए, यदि आप 3% स्वदेशी असमिया मुसलमानों को हटा दें, तो 31% मुसलमान असम में प्रवास कर गए हैं। इसलिए, यदि आप 2021, 2031 और 2041 के आधार पर अनुमान लगाते हैं, तो आप लगभग 50-50 की स्थिति पर आते हैं। इसलिए, यह मेरा विचार नहीं है। मैं केवल सांख्यिकीय जनगणना रिपोर्ट बता रहा हूं।” सीएम हिमंत ने कहा कि आंकड़े और पिछली जनगणना के रिकॉर्ड से समझ आता है कि अब से कुछ साल बाद असम में मुस्लिम आबादी लगबग 50 प्रतिशत हो जाएगी।
2011 में क्या था असम की जनसंख्या का हाल?
साल 2011 में हुई जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक, असम की आबादी 3.12 करोड़ थी। इसमें मुस्लिम आबादी 1.07 करोड़ यानी 34.22 प्रतिशत थी। राज्य में हिंदुओं की आबादी 1.92 करोड़ थी। ये लगभग 61.47 प्रतिशत होता है। भाजपा मे कहा है कि असम के कम से कम 9 जिले मुस्लिम बहुल हो गये हैं। साल 2001 में ये संख्या 6 थी। भाजपा का दावा है कि वर्तमान में ये संख्या 11 हो गई है।
2001 में मुस्लिम बहुल जिले
कुल जिले- 23
- धुबरी (74.29%)
- गोलपाड़ा (53.71%)
- बारपेटा (59.37%)
- नगांव (51%)
- करीमगंज (52.3%)
- हैलाकांडी (57.63%)
2011 में मुस्लिम बहुल जिले
कुल जिले- 27
- धुबरी (79.67%)
- गोलपाड़ा (57.52%)
- बारपेटा (70.74%)
- मोरीगांव (52.56%)
- नगांव (55.36%)
- करीमगंज (56.36%)
- हैलाकांडी (60.31%)
- बोंगाईगांव (50.22%)
- दरांग (64.34%)