
अहमदाबाद में 12 जून को हुए एअर इंडिया प्लेन हादसे में पायलट की गलती की खबरों को सिविल एविएशन मिनिस्टर राममोहन नायडू ने गलत बताया है। नायडू ने विदेशी मीडिया से भी संयम बरतने की अपील की है। साथ ही जल्दबाजी में किसी नतीजे पर न पहुंचने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा- AAIB की जांच जारी है। फाइनल जांच रिपोर्ट जारी होने तक कोई कमेंट न करें। अहमदाबाद प्लेन हादसे में 260 लोगों की जान चली गई थी।
नायडू की यह टिप्पणी विदेशी मीडिया की उन खबरों के बीच आई, जिनमें कहा गया कि हादसे की वजह पायलट की एक गलती थी।
बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 को कैप्टन सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर उड़ा रहे थे।
दरअसल, अमेरिकी मीडिया हाउस वॉल स्ट्रीट जनरल ने 17 जुलाई को पब्लिश एक रिपोर्ट में आशंका जताई कि विमान के पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने दोनों इंजनों में फ्यूल की सप्लाई रोकी थी।
पहली बार देश में ही हुआ ब्लैक बॉक्स का डेटा डिकोड
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने भारत में ही प्लेन के ब्लैक बॉक्स को डिकोड कर लिया है। ऐसा पहली बार हुआ है।
नायडू बोले- “मुझे AAIB और उसके काम पर भरोसा है। पूरे ब्लैक बॉक्स को डिकोड करने और भारत में ही डेटा रिकवर करना एक बड़ी सफलता थी क्योंकि पिछली घटनाओं में, जब भी ब्लैक बॉक्स मिलता था, तो डेटा रिकवर करने के लिए हमेशा विदेश भेजा जाता था।”
प्लेन के पिछले हिस्से में इलेक्ट्रिक सप्लाई की खराबी की खबरों के बारे में पूछे जाने पर नायडू ने धीरज रखने कहा।
नायडू बोले- “जो कहा जा रहा है, हम उसके आधार पर आगे नहीं बढ़ सकते। हमें रिपोर्ट पर अड़े रहना होगा। रिपोर्ट जो भी कहेगी, वही फाइनल होगा। इसलिए, हमें AAIB को वह दायरा, समय और विश्वास देना होगा। इसकी बहुत जरूरत है।”

विमान की टेल वाले हिस्से से मिले अहम सुराग
जांच से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि विमान के एम्पेनेज या टेल असेंबली के मलबे से महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। हादसे के दौरान प्लेन का पिछला हिस्सा अलग हो गया और भीषण आग से बच गया, लेकिन शुरुआती जांच में बिजली की आग के संकेत मिले, जो कुछ खास पिछले हिस्सों तक ही सीमित थी।
मीडिया रिपोर्ट्स में इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर के हवाले से कहा गया है कि टेल वाले हिस्से की जांच से इस बात का जवाब मिल सकता है कि क्या उड़ान के दौरान किसी इलेक्ट्रिकल इश्यू था, जिसके कारण दुर्घटना हुई।
टेल की ऑक्सिलरी पावर यूनिट (एपीयू), स्टेबलाइजर ट्रांसड्यूसर और रडर मैकेनिज्म जांच के दायरे में हैं। इन हिस्सों को फोरेंसिक जांच के लिए अहमदाबाद के एक सुविधा केंद्र में सुरक्षित रखा गया है।
‘टेकऑफ के बाद 9 सेकेंड तक सब ठीक था, आखिरी 4-5 सेकेंड की जांच अहम’
हादसे पर AAIB ने प्राइमरी रिपोर्ट तैयार की है। इसके जरिए हमने हादसे की टाइमलाइन को समझा। इससे पता चला कि विमान के टेकऑफ के बाद 9 सेकेंड तक सब ठीक था। विमान के इंजन अधिकतम 180 नॉट्स तक स्पीड ले चुके थे। इसके बाद दिक्कत शुरू हुई।
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36 सेकेंड, अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ा बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान इतनी ही देर हवा में रह पाया। इसके बाद ये विमान एक हॉस्टल के ऊपर क्रैश हो गया। कुल 260 लोग मारे गए। इनमें 230 पैसेंजर और 12 क्रू-मेंबर शामिल हैं। बाकी 19 लोग क्रैश साइट पर थे। अब सवाल है कि वाकई ऐसा हुआ या टेक्निकल गड़बड़ी को पायलट की गलती बताने की कोशिश की जा रही है।