
गुरुग्राम। पुराने गुरुग्राम शहर को ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने का खाका तैयार किया जा रहा है। जल्द ही गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) पुराने शहर में पांच अंडरपास निर्माण के लिए फिजिबिलिटी स्टडी (व्यवहार्यता अध्ययन) शुरू करेगा।
गुरुग्राम मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर हाई पावर्ड कमेटी की पहली बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। बैठक में नगर निगम, एचएसवीपी, एनएचएआइ, डीएचबीवीएन और एचवीपीएनएल तथा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में मेट्रो कॉरिडोर की अड़चनों को दूर करने और परियोजना को तेजी से लागू करने पर चर्चा की गई।
गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड बनाएगा अंडरपास
अंडरपास निर्माण के लिए होने वाली फिजिबिलिटी स्टडी की लागत जीएमडीए द्वारा वहन की जाएगी। ऐसे स्थान, जहां अंडरपास और मेट्रो रूट का निर्माण स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है, वहां संबंधित विभागों को कार्य करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
बता दें कि पुराने शहर में मेट्राे कॉरिडोर और इससे जुड़े क्षेत्रों में मुख्य जाम वाले चौराहों पर यातायात सुगम बनाने के लिए गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड को पांच महत्वपूर्ण स्थानों पर अंडरपास निर्माण का कार्य सौंपा गया है। यह कार्य डिपाजिट वर्क के रूप में किया जाएगा। इसके लिए गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) द्वारा जीएमआरएल को बजट दिया जाएगा।
यहां बनाए जाएंगे अंडरपास
- सेक्टर 3ए,4,5 के पास रेलवे रोड चौक
- सेक्टर 5 जंक्शन से रेलवे रोड होते हुए शीतला माता रोड (वन वे)
- कृष्णा चौक से बजघेड़ा रोड होते हुए सेक्टर 5 (वन वे)
- रेजांग ला चौक
- पुराना दिल्ली रोड व पालम विहार रोड के जंक्शन से उद्योग विहार तक
चौराहों पर प्रतिदिन हजारों वाहनों का दबाव
जिन पांच स्थानों पर अंडरपास निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया है, वहां दिनभर हजारों वाहनों का दबाव रहता है। चौराहों को पार करने के लिए लंबा ट्रैफिक जाम लग रहा है। अंडरपास निर्माण के बाद इस समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है। पुराने गुरुग्राम में मेट्रो प्रोजेक्ट के साथ अंडरपास बनने से यातायात व्यवस्था सुगम होगी।
हीरो होंडा चौक से उमंग भारद्वाज चौक के बीच अड़चन होगी दूर
हीरो होंडा चौक से उमंग भारद्वाज चौक फ्लाईओवर तक सड़क निर्माण एनएचएआइ द्वारा किया जाएगा, लेकिन इससे पहले गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) को रास्ते से बाधाएं हटाकर यूटिलिटी कारिडोर का हिस्सा सौंपना है।
जीएमडीए द्वारा इस सड़क परियोजना की राह में मौजूद कई अड़चनों को दूर करने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रोजेक्ट के बीच आ रहे बिजली उप-स्टेशन की शिफ्टिंग, हिमगिरी आश्रम स्थल, मिष्ठान भंडार को हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा बिजली की लाइनों को डीएचबीवीएन द्वारा हटाया जाएगा।
66 केवी की एचवीपीएनएल लाइन को भूमिगत किया जाना है। इसके अलावा एक सीएनजी पंप को हटाकर नए स्थान पर शिफ्ट करना है। जीएमडीए के अधिकारियों के अनुसार, यह सभी कार्य पूरे होने के बाद ही एनएचएआइ को कारिडोर हस्तांतरित किया जाएगा ताकि निर्माण कार्य शुरू किया जा सके। इसकाे लेकर भी हाई पावर्ड कमेटी की बैठक में चर्चा की गई।