
(Publish by : Tanya Pandey
Updated: May02 , 2025 11:55 am
Rajasthan, India)
चीन की आर्थिक मशीनरी में दरारें!
चीन की औद्योगिक शक्ति पर अमेरिकी टैरिफ का गहरा असर पड़ रहा है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि सैकड़ों फैक्ट्रियों ने उत्पादन बंद कर दिया है, जिससे हजारों कर्मचारियों की महीनों से सैलरी नहीं मिली।
अब ये श्रमिक विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं, जो देश की आर्थिक सेहत और सामाजिक असंतोष दोनों का संकेत दे रहा है।
क्या है टैरिफ संकट का कारण?
- अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध पिछले कुछ वर्षों से चला आ रहा है
- बाइडन प्रशासन ने चीन से आयातित इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील, टेक्सटाइल्स और ऑटो पार्ट्स पर कड़े आयात शुल्क लगा दिए हैं
- इसका सीधा असर चीन की मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों पर पड़ा है, खासकर उन फैक्ट्रियों पर जो विदेशी बाजारों पर निर्भर थीं
क्या बोले चीनी कर्मचारी और स्थानीय यूनियनें?
प्रदर्शन कर रहे एक कर्मचारी ने कहा:
“हमने तीन महीने तक काम किया है लेकिन हमें एक रुपया भी वेतन नहीं मिला। अब मालिक गायब है और फैक्ट्री पर ताले लटके हैं।”
वहीं, यूनियन नेताओं ने इसे ‘श्रमिकों के अधिकारों का खुला उल्लंघन’ बताया है और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
किन सेक्टर्स में सबसे ज़्यादा असर?
- इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग
- कपड़ा और परिधान उद्योग
- ऑटोमोबाइल्स और पुर्जे निर्माण
- स्टील और भारी उद्योग
इन क्षेत्रों में न सिर्फ उत्पादन घटा है, बल्कि कई कंपनियां स्थायी रूप से बंद हो गई हैं।
वैश्विक प्रभाव भी दिख रहा है
- चीन के कारखाने बंद होने से ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी असर
- एशियाई बाज़ारों में मंदी के संकेत
- अंतरराष्ट्रीय निवेशक चीनी बाजार से दूरी बना रहे हैं
सरकार की प्रतिक्रिया क्या है?
चीन की सरकार ने अभी तक कोई स्पष्ट राहत पैकेज या रणनीति घोषित नहीं की है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन को आदेश दिए गए हैं कि वे प्रदर्शनकारियों की मांगों को सुनें और स्थिति को नियंत्रण में रखें।