तमिलनाडु सरकार ने समग्र शिक्षा योजना को लेकर केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

(Publish by : Tanya Pandey
Updated: May 21, 2025 12:25 pm
Rajasthan, India)

तमिलनाडु सरकार ने केंद्र से फंड रोकने पर जताई आपत्ति, सुप्रीम कोर्ट में 2,299 करोड़ की रिकवरी की याचिका

तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच समग्र शिक्षा अभियान को लेकर बड़ा टकराव सामने आया है। राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा शिक्षा योजनाओं के लिए निर्धारित फंड रोकने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के निर्देश पर दाखिल इस याचिका में तमिलनाडु ने केंद्र से 2,299.30 करोड़ रुपये की राशि तत्काल जारी करने और उस पर सालाना 6% ब्याज की भी मांग की है।

अनुच्छेद 131 के तहत सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका

तमिलनाडु सरकार ने यह याचिका संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत दायर की है, जो राज्य और केंद्र के बीच अधिकारों के विवादों के समाधान का प्रावधान करता है। राज्य का दावा है कि केंद्र ने समग्र शिक्षा योजना के तहत मिलने वाली राशि जारी नहीं की है, जिससे तमिलनाडु में शिक्षा ढांचे पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

NEP और पीएम श्री स्कूल योजना पर भी सवाल

राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि नई शिक्षा नीति (NEP) और पीएम श्री स्कूल योजना उसके लिए बाध्यकारी नहीं हो सकती जब तक कि वह स्वयं इन्हें लागू करने का निर्णय न ले। उन्होंने कहा कि केंद्र इन योजनाओं को राज्यों पर थोप नहीं सकता।

क्या बोली तमिलनाडु सरकार?

याचिका में तमिलनाडु ने कहा है कि केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि वह शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में ही कुल खर्च का 60% हिस्सा राज्यों को मुहैया कराए। राज्य सरकार का तर्क है कि केंद्र का यह रवैया संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ है और राज्यों के अधिकारों का हनन करता है।

DMK का तीखा रुख

DMK के प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तमिलनाडु को मिलने वाली शिक्षा फंडिंग को केंद्र ने रोके रखा है। इस राशि का NEP से कोई लेना-देना नहीं है। यह साफ तौर पर राजनीतिक पूर्वाग्रह और संघीय ढांचे की अनदेखी का उदाहरण है।”

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