बेटे की करतूत के चलते टूटा था PM बनने का सपना, क्‍या आप जानते हैं देश के पहले प्रकाशित स्‍कैंडल की कहानी

नई दिल्‍ली। हाल ही में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कथित तौर पर भाजपा नेता मनोहरलाल धाकड़ और उनकी महिला साथी के संबंध बनाने का वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में दोनों आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहे हैं। इससे पहले बलिया के एक नेता का नाचने वाली युवती के साथ अश्‍लील वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियोज के बीच एक बार फिर पुराने सेक्‍स स्‍कैंडल चर्चा में आ गए हैं।

1978 में भी एक नेता के बेटे का सेक्‍स स्‍कैंडल वायरल हुआ था, जिसे देश का पहला सेक्‍स स्‍कैंडल माना गया था। उस दौर में बेटे की करतूत के चलते कांग्रेस के कद्दावर नेता का प्रधानमंत्री बनने का सपना टूट गया था। आइए हम आपको बताते हैं पूरा मामला …

इमरजेंसी के बाद चुनाव हुए तो इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की हार हुई और जनता पार्टी की जीत। जनता पार्टी को 295 सीटें मिली थीं। चुनाव में जनता पार्टी का सबसे बड़ा गुट जनसंघ को 93 सीटें मिलीं और दल भारतीय लोकदल (बीएलडी) की 71 सीटें मिली थीं।

कांग्रेस के कद्दावर नेता बाबू जगजीवन राम ने कांग्रेस पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया था और जनता पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़ा था। जनसंघ की प्रधानमंत्री पद के लिए पहली पसंद  बाबू जगजीवन राम थे, क्‍योंकि वे अनुभवी थे और उन्होंने कांग्रेस के साथ लगभग हर विभाग में काम किया था।

पीएम की कुर्सी के करीब थे जगजीवन राम, तभी…

यह बात मोरारजी देसाई को जची नहीं तो उन्होंने जयप्रकाश नारायण के सामने प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश कर दिया। दूसरी ओर बीएलडी ने 71 सीटें जीती थीं और अधिकांश नेता चौधरी चरण सिंह के समर्थन में थे, इसलिए चौधरी भी खुद को पीएम पद का उम्मीदवार मान रहे थे। खैर काफी रस्साकशी के बाद मोरारजी देसाई जनता सरकार के प्रधानमंत्री बने। इस तरह जगजीवन राम के पास से पहली पीएम पद आकर चला गया।

मोरारजी देसाई सरकार नहीं चला पाए तो चरण सिंह चौधरी प्रधानमंत्री बने। हालांकि, चरण सिंह को भी यह भरोसा नहीं था कि वह बहुमत साबित कर पाएंगे। उस वक्त जगजीवन राम को पूरा भरोसा था कि अब उनका समय आ गया है। अब प्रधानमंत्री वही होंगे, क्‍योंकि वह आसानी से बहुमत साबित कर देंगे।

सूर्या मैग्‍जीन में बाबू जगजीवन राम के बेटे सुरेश राम के सेक्‍स स्‍कैंडल को कवर स्‍टोरी बनाया गया था। फोटो- मैगजीन का कवर

सेक्‍स स्‍कैंडल ने खत्म कर दिया सियासी करियर

बाबू जगजीवन राम पीएम की कुर्सी के बेहद करीब थे। तभी एक सेक्‍स स्‍कैंडल हुआ, जिसके चलते न सिर्फ पीएम बनने का सपना टूट गया, बल्कि जीवन भर कमाई हुई राजनीतिक पूंजी धूमिल हो गई।दरअसल, बाबू जगजीवन राम के बेटे और मीरा कुमार के भाई सुरेश राम और दिल्ली यूनिवर्सिटी पढ़ने वाली उनकी गर्लफ्रेंड  सुषमा की न्यूड फोटोज ‘सूर्या’ नाम की मैगजीन में प्रकाशित हुई थीं।

मैगजीन का एडिटर कौन था?

यह मैगजीन  इंदिरा गांधी की छोटी बहू और संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी ‘सूर्या’ की थी। वही मैगजीन की संपादक थीं।मैगजीन ने सुरेश और उनकी गर्लफ्रेंड की खबर कवर पेज पर जगह देने के साथ ही पूरी आठ पेजों की खबर छापी थी। इनमें से दो पेज पर सिर्फ और सिर्फ न्‍यूड तस्‍वीरें प्रकाशित की थीं। सूर्या मैगजीन ने सुरेश और उनकी गर्लफ्रेंड की खबर का सनसनीखेज बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

बता दें कि सभी तस्वीरें पोलरॉइड कैमरे से खींची गई थीं। पोलरॉइड कैमरा वह होता है, जिसमें हाथों-हाथ फोटो प्रिंट होकर बाहर आ जाता है।

साल 1978 में प्रिंट मीडिया में न्यूड तस्वीरें प्रकाशित होने का यह पहला मामला था। उस वक्‍त सूर्या मैगजीन का एडिशन ब्‍लैक में बिका था।

42 साल के शादीशुदा के 20 साल की बेटी से संबंध

मैगजीन में लिखा था- 42 वर्षीय सुरेश राम एक शादीशुदा पुरुष हैं और पब्लिक फिगर हैं। उनकी पत्नी है। एक बेटी है, जबकि उनकी गर्लफ्रेंड की उम्र केवल 20 साल है। बता दें कि उस वक्त सुरेश का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था।बताया जाता है कि इस सेक्‍स स्‍कैंडल के प्रकाशित होने के बाद सूर्या मैग्‍जीन की कॉपियां ब्लैक में बिकीं। मैग्‍जीन की बिक्री बढ़ गई, लेकिन बाबू जगजीवन राम का सार्वजनिक जीवन बर्बाद हो गया।उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना चकनाचूर हो गया। हालांकि, बाद में सुरेश राम ने पत्नी से तलाक लेकर अपनी गर्लफ्रेंड से शादी भी कर ली थी, लेकिन तब बाबू जगजीवन राम राजनीतिक तौर पर बड़ा खामियाजा भुगत चुके थे। 

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