बैड कोलेस्ट्रॉल की तरह ट्राइग्लिसराइड्स भी बन सकता है दिल का दुश्मन, जानिए डॉक्टर से High Triglycerides के खतरे और कंट्रोल के उपाय

(Publish by : Tanya Pandey
Updated: April 28, 2025 05:11 pm
Rajasthan, India)

जब भी हृदय रोगों की बात आती है, तो ज्यादातर लोग केवल बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) पर ध्यान देते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एक और चुपचाप बढ़ने वाला खतरा है, जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं — High Triglycerides। ट्राइग्लिसराइड्स की अधिक मात्रा रक्त में जमा होकर दिल की बीमारियों का बड़ा कारण बन सकती है। आइए डॉक्टरों की राय से समझते हैं कि हाई ट्राइग्लिसराइड्स क्या है, यह कैसे दिल को नुकसान पहुंचाता है और इसे कंट्रोल करने के प्रभावी तरीके क्या हैं।

क्या होता है ट्राइग्लिसराइड्स?

ट्राइग्लिसराइड्स एक प्रकार की वसा (Fat) है जो हमारे रक्त में पाई जाती है। जब हम खाना खाते हैं, तो शरीर अतिरिक्त कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में बदल देता है और इन्हें वसा कोशिकाओं में जमा कर लेता है। बाद में शरीर इन्हें ऊर्जा के रूप में उपयोग करता है। लेकिन जब ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर लगातार ज्यादा बना रहता है, तो यह हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।

हाई ट्राइग्लिसराइड्स क्यों है दिल के लिए खतरनाक?

डॉक्टरों के मुताबिक, जब रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ता है, तो यह धमनियों की दीवारों पर वसा की परतें जमा कर सकता है। इससे रक्त प्रवाह बाधित होता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा हाई ट्राइग्लिसराइड्स मेटाबॉलिक सिंड्रोम, टाइप-2 डायबिटीज और फैटी लिवर जैसी गंभीर समस्याओं से भी जुड़ा हुआ है।

डॉक्टर की सलाह:
“ट्राइग्लिसराइड्स को हल्के में लेना भारी भूल हो सकती है। बैड कोलेस्ट्रॉल जितना खतरनाक है, उतना ही हाई ट्राइग्लिसराइड्स भी हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाता है। इसलिए समय रहते जांच और नियंत्रण बेहद जरूरी है।” — डॉ. राहुल मेहता, कार्डियोलॉजिस्ट

High Triglycerides के मुख्य कारण

  • अत्यधिक कैलोरी युक्त और तैलीय भोजन का सेवन
  • मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता
  • अत्यधिक शराब पीना
  • अनियंत्रित डायबिटीज
  • किडनी या थायरॉयड संबंधी बीमारियां
  • अनुवांशिक कारण

कैसे पहचानें High Triglycerides?

ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने का कोई विशेष लक्षण नहीं होता। यह केवल एक लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के जरिए पता चलता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि 30 वर्ष की उम्र के बाद नियमित रूप से लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाना चाहिए, खासकर अगर आपके परिवार में हृदय रोग का इतिहास हो।

हाई ट्राइग्लिसराइड्स को कैसे करें कंट्रोल?

1. डाइट में सुधार करें

  • कम वसा और कम चीनी वाले आहार को अपनाएं।
  • हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त आहार लें।
  • ट्रांस फैट और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।

2. नियमित व्यायाम करें

  • सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम स्तर की शारीरिक गतिविधि जरूरी है।
  • वॉकिंग, स्विमिंग, साइकलिंग जैसी एक्टिविटीज फायदेमंद हैं।

3. वजन नियंत्रित रखें

  • वजन कम करने से ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर तेजी से घटाया जा सकता है।

4. शराब का सेवन सीमित करें

  • एल्कोहल ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को अचानक बढ़ा सकता है, इसलिए सेवन या तो बहुत सीमित करें या पूरी तरह से त्याग दें।

5. दवाओं का सहारा लें (डॉक्टर की सलाह से)

  • कुछ मामलों में डॉक्टर ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के लिए स्टैटिन्स, फाइब्रेट्स या ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लीमेंट्स लिख सकते हैं।

निष्कर्ष

हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए सिर्फ बैड कोलेस्ट्रॉल पर नहीं, बल्कि ट्राइग्लिसराइड्स पर भी पूरा ध्यान देना जरूरी है। एक स्वस्थ जीवनशैली, सही आहार और नियमित स्वास्थ्य जांच के जरिए हम ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित कर सकते हैं और दिल को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं। याद रखें, एक छोटी सी लापरवाही बड़े खतरे में बदल सकती है — इसलिए समय रहते सजग हो जाइए!

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