आजकल हार्ट अटैक की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं और यह अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गया है। युवाओं में भी यह समस्या गंभीर रूप ले रही है। खराब जीवनशैली, तनाव, गलत खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके प्रमुख कारण बन चुके हैं। डॉक्टर त्रेहन ने हाल ही में इस विषय पर बात की और बताया कि कैसे छोटी-छोटी आदतें बड़े खतरे में बदल सकती हैं।

(Publish by : Tanya Pandey
Updated: April 10, 2025 11:16 am
Rajasthan, India)
कम उम्र में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ रहा है?
डॉ. त्रेहन के अनुसार, आज की युवा पीढ़ी में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 17 साल के एक किशोर को भी हार्ट अटैक आ चुका है, जो एक चौंकाने वाली सच्चाई है। इस उम्र में दिल की बीमारी का होना दर्शाता है कि हमारी जीवनशैली किस कदर बिगड़ चुकी है।
धमनियों में ब्लॉकेज है मुख्य कारण
डॉक्टर ने बताया कि जब दिल की धमनियों में ब्लॉकेज होता है, तब हार्ट अटैक का खतरा पैदा होता है। यह ब्लॉकेज गलत खानपान, मोटापा, अत्यधिक तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी की वजह से होता है। खासकर तैलीय भोजन और अधिक मात्रा में घी का सेवन नुकसानदेह साबित हो सकता है।
घी और तैलीय भोजन से बढ़ता है खतरा
एक उदाहरण देते हुए डॉक्टर त्रेहन ने बताया कि एक 17 वर्षीय लड़का नियमित रूप से घी और तेल से भरपूर भोजन करता था। उसकी मां का मानना था कि घी से वह मजबूत बनेगा, लेकिन नतीजा उल्टा निकला। ज्यादा घी के सेवन से उसकी धमनियों में फैट जमा हो गया और उसे हार्ट अटैक आ गया।
बचाव के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी
डॉक्टर ने सलाह दी कि हमें अपने खानपान और दिनचर्या पर ध्यान देना चाहिए। ताजे फल, सब्जियां, और कम वसा वाले खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दें। रोजाना एक्सरसाइज, योग और ध्यान से मानसिक तनाव को दूर रखा जा सकता है, जिससे दिल की सेहत बेहतर बनी रहती है।
निष्कर्ष
हार्ट अटैक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है लेकिन थोड़े से जागरूक होकर और अपनी आदतों में बदलाव करके इससे बचा जा सकता है। हेल्दी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी और स्ट्रेस मैनेजमेंट से दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।