
गुरुग्राम:- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक डॉ सुरेंदर पाल का कहना है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ हो रहा विक्रमी सम्वत 2082 केवल एक तिथि नही है बल्कि यह एक श्रेष्ठ संस्कृति, भारतीय परम्परा , मूल्य आधारित जीवन की धारणा है। भारत के ऋषियों ने वैज्ञानिक आधारित गणना के आधार पर भारतीय नव वर्ष का निर्धारण किया है। यह नव वर्ष प्रारम्भ होते ही प्रकृति, सृष्टि से लेकर खेत खलियान और आम जन जीवन में नव सृजन का शंखनाद होता दिखाई देता है।
श्री सुरेंदर पाल शनिवार देर सांय गुरुग्राम यूनिवर्सिटी एवं वसुधैव संस्कृति सहयोग फाउंडेशन के तत्वावधान में भारतीय नव वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित समाहरोह में मुख्यवक्ता के रूप में बोल रहे थे।
गुरुग्राम यूनिवर्सिटी सेक्टर 51 में 29 मार्च को आयोजित किए गए हिन्दू नव वर्ष उत्सव में जहां भारत के विभिन्न राज्यों के कलाकारों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यकर्म प्रस्तुत किये गए वहीँ सिद्दार्थ मोहन और रैप्परिया बालम जैसे चोटी के कलाकरों ने भी लोगों का भरपूर मनोरंजन किया।

इस अवसर पर बोलते हुए आरएसएस प्रान्त प्रचारक डॉ सुरेंदर पाल ने भारतीय नव वर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री राम जी व महाराज युधिष्टर का राज्य अभिषेक भी इसी दिन हुआ था। ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना चैत्र शुल्क प्रतिपदा को ही कि गई थी। आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद जी ने आर्य समाज की स्थापना जैसे अनेक ऐसे ऐसे कारण है जो इस नव वर्ष को सार्थक करता है। नव रात्रों का प्रारम्भ भी इसी पवित्र दिन होता है। उनके अनुसार आरएसएस संस्थापक डॉ केशव राम बलिराम हेडगेवार जी का भी जन्मदिन इसी पावन दिवस पर हुआ है। उन्होंने समारोह में उपस्तिथ लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि आरएसएस स्थापना के शताब्दी वर्ष में सम्पूर्ण समाज के साथ पांच विषय पर कार्य करने का संकल्प लिया। उनके अनुसार सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य, स्वदेशी जीवन शैली व मूल्य आधारित परिवार की संरचना पर सम्पूर्ण समाज को एक निष्ठ होकर कार्य करने की आवश्यकता है। यह भारत की ही जीवन शैली व अपने विचार के प्रति समर्पण से अनेक आक्रमण होने बाद भी सर्वे भवन्तु सुखनः के सिंद्धांत को कोई भी आक्रमणकारी समाप्त नही कर पाया।
समारोह में प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ने लोगों मन मोह लिया। पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण तक समवेसी इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में लघु भारत के दर्शन हो रहे थे।
भारतीय नववर्ष स्वागत उत्सव कार्यकर्म में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो सुशिल कुमार तोमर, प्रान्त कार्यवाहक माननीय श्री प्रताप जी, माननीय डॉ अशोक दिवाकर जी, माननीय श्री रामगोपाल धानुका जी, श्री कृष्ण सिंगला जी, श्री कमलेश अग्रवाल जी, माननीय कुलसचिव डॉ राजीव कुमार सिंह एवं भारतीय ज्ञान एवं भाषा विभाग के अध्यक्ष प्रो राकेश कुमार योगी जैसे गणमान्य विद्यमान रहे।
भारतीय नव वर्ष उत्सव के लिए लगभग 5000 से ज्यादा लोगों ने अपने और अपने परिवार के लिए रजिस्ट्रेशन करवाये। उत्सव के आयोजन पर लोगों के खाने-पिने की भी व्यवस्था की गई थी। वहीँ उत्सव को सफल बनाने के लिए कॉर्पोरेट जगत और विश्विद्यालय के 200 से भी ज्यादा वॉलेंटियर्स ने अपना सहयोग दिया