
गुरुग्राम के DLF इलाके में अवैध निर्माण और कॉमर्शियल एक्टीविटीज वाले घरों को सील करने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। शुक्रवार को सीलिंग कार्रवाई को रोकने की याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने 4 सप्ताह तक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (DTP) को कार्रवाई न करने के लिए कहा है।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की टीम को शुक्रवार को DLF में कार्रवाई के लिए पहुंचना था, लेकिन इससे पहले लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने यहां रोड जाम कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के चलते DTP थाने चली गई। कोर्ट का आदेश आने के बाद टीम यहां से बैरंग लौट गई। बता दें कि विभाग ढाई हजार लग्जरी घरों पर सीलिंग कार्रवाई करने की तैयारी में था।
हाईकोर्ट ने डीएलएफ फेस 3 रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के प्रेसिडेंट समीर पुरी की याचिका पर हाईकोर्ट ने सीलिंग कार्रवाई के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर समीर पुरी ने कहा कि हाईकोर्ट में उनके पक्ष में फैसला आया था। अब सुप्रीम कोर्ट में स्टे हुआ है। हम भी सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को ले के आगे जाएंगे। अपना पक्ष रखेंगे।
DLF के जिस फेज 1 से 5 में कार्रवाई करनी थी, वहां कई फिल्म स्टार और कारोबारियों की कोठियां भी हैं। इनमें अनिल कपूर, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अनुपम खेर के अलावा रणवीर कपूर व आलिया भट्ट के घर भी शामिल हैं।

गुरुग्राम DLF से जुड़े विवाद की 3 अहम बातें…
- 2011 में हाईकोर्ट पहुंचा मामला: साल 2011 में डीएलएफ सिटी वेलफेयर एसोसिएशन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें आरोप लगाया था कि डीएलएफ के मकानों में नक्शे का जमकर उल्लंघन हुआ है। सात से आठ मंजिला मकान बना दिए हैं। इन मकानों में परचून, कपड़े, ब्यूटी पार्लर और मोबाइल की दुकान के अलावा रेस्तरां, पीजी और गेस्ट हाउस खोल दिए हैं। इसकी वजह से आसपास रहने वाले लोगों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इसी मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने सीलिंग के आदेश दिए थे।
- अवैध रूप से कॉमर्शियल गतिविधियां चलाई जा रही: गुरुग्राम टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि DLF में 1 से लेकर 5 फेज तक के सभी ब्लॉक में रिहायशी प्लॉट हैं। यहां सरकार की तरफ से तय जगहों पर ही कॉमर्शियल एक्टिविटीज की जा सकती हैं। इसके बावजूद मकानों में अवैध निर्माण कर लिए गए। अवैध रूप से कॉमर्शियल गतिविधियां चलाई जा रही हैंं।
- जुर्माना भरने पर ही खोली जा सकेगी सील: विभाग के नियमानुसार मकान के सील होने के बाद उसे जुर्माने की अदायगी के बाद खोला जाएगा। 630 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से प्लॉट साइज के बराबर का जुर्माना लगेगा। 1260 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से बैंक गारंटी जमा करवानी होगी। यदि 3 महीने के अंदर अवैध निर्माण या अवैध रूप से चल रही व्यवसायिक गतिविधियों को बंद नहीं किया जाता है तो बैंक गारंटी को जब्त किया जाएगा, मगर रिहायशी मकान में कॉमर्शियल एक्टिविटीज की परमिशन नहीं दी जाएगी।
घर के मालिक बोले- हम टैक्स भर रहे DLF में घरों के मालिक एडवोकेट सतपाल यादव, महेश, दीपक कुमार, प्रदीप सिंह, अमित यादव, रोहित यादव ने कहा कि पिछले कई सालों से नगर निगम को व्यवसायिक टैक्स और डीएलएफ को मेंटेनेंस चार्ज दे रहे हैं। इसके बाद भी उनके खिलाफ ये कार्रवाई की जा रही है, जो पूरी तरह से गलत है।