LinkedIn Viral Post:
सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट ने भारत में शोधकर्ताओं की हालत को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। रेहान अख्तर नाम के यूजर ने LinkedIn पर एक भावुक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने अपने एक दोस्त का जिक्र किया जो IIT Delhi में PhD कर रहा है, शादीशुदा है, 33 साल का है और उसे मात्र ₹35,000 महीना स्टाइपेंड मिलता है। ये दोस्त न केवल advanced AI जैसे महत्वपूर्ण विषय पर रिसर्च कर रहा है, बल्कि JEE और GATE जैसी कठिन परीक्षाएं भी पास कर चुका है।

(Publish by : Tanya Pandey
Updated: April 10, 2025 12:10 pm
Rajasthan, India
शानदार उपलब्धियां, फिर भी संघर्ष
पोस्ट में बताया गया कि वह स्कॉलर केवल रिसर्च नहीं कर रहा, बल्कि UG छात्रों को पढ़ाता भी है, 100 से ज्यादा रिसर्च पेपर की समीक्षा कर चुका है और खुद के भी कई पेपर प्रकाशित कर चुका है। बावजूद इसके उसे किराया, घर खर्च और जीवन की ज़रूरी चीज़ें पूरी करने में मुश्किल होती है।
रेहान ने अपनी पोस्ट में लिखा – “हमारा सिस्टम औसत को इनाम देता है और असाधारण टैलेंट को जिंदा रहने के लिए छोड़ देता है… जुनून के लिए गरीबी की कीमत नहीं चुकानी चाहिए।”
Public Reaction:
इस पोस्ट ने लोगों की भावनाओं को झकझोर दिया। कई यूजर्स ने brain drain, low stipend, और lack of R&D funding जैसे मुद्दों पर चिंता जताई।
एक यूजर ने कहा – “मैंने रिसर्च छोड़ दी क्योंकि कॉरपोरेट में सैलरी कहीं ज्यादा थी।”
दूसरे ने लिखा – “सरकार R&D से ज्यादा मुफ्त योजनाओं पर खर्च करती है।”
तीसरे ने कहा – “मैंने MTech के बाद PhD करने की सोची थी लेकिन फाइनेंशली संभव नहीं लगा।”
कुछ अलग राय भी
हालांकि, कुछ लोगों ने कहा कि ऐसा सिर्फ भारत में नहीं होता, दुनियाभर में PhD स्कॉलर्स को कम पे किया जाता है। उनका तर्क था कि सैलरी मार्केट वैल्यू और डिमांड पर आधारित होती है।
निष्कर्ष:
यह पोस्ट सिर्फ एक व्यक्ति की बात नहीं, बल्कि देशभर में हजारों ऐसे स्कॉलर्स की कहानी है, जो education system में योगदान दे रहे हैं लेकिन पर्याप्त सम्मान और सपोर्ट नहीं मिल रहा।