लघु उद्योग भारती की मासिक बैठक में सांसद राजकुमार चब्बेवाल को सौंपा ज्ञापन, मेयर रामपाल उप्पल के समक्ष रखी अवैध अतिक्रमण की समस्या

फगवाड़ा 19 अप्रैल (शिव कौड़ा) लघु उद्योग भारती की मासिक बैठक स्थानीय पूनम होटल में संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता संगठन के शाखा प्रधान इन्द्र पाल खुराना ने की। इस दौरान लोकसभा सांसद डा. राजकुमार चब्बेवाल बतौर मुख्य अतिथि जबकि लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरविंद धूमल मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। इसके अलावा लघु उद्योग भारती के पंजाब प्रधान अशोक गुप्ता और प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सेठी सहित फगवाड़ा के मेयर रामपाल उप्पल ने भी विशेष अतिथियों के तौर पर उपस्थिति दर्ज करवाई। शाखा प्रधान इन्द्र पाल खुराना के नेतृत्व में मुख्य अतिथि डा. चब्बेवाल सहित गणमान्यों का स्वागत किया गया। तत्पश्चात संगठन सचिव अरविंद बग्गा ने अतिथियों का रस्मी परिचय करवाया। बैठक के दौरान लघु उद्योग को दरपेश समस्याओं पर गहन चर्चा की गई। मुख्य वक्ता अरविंद धूमल ने अपने संबोधन में उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचना संख्या 24071 दिनांक 13-06-2024 के हवाले से डा. राजकुमार चब्बेवाल को बताया कि उपरोक्त अधिसूचना के माध्यम से उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय ने उद्योग के लिए विभिन्न मानकों के तहत बीआईएस प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया है, जैसा कि अधिसूचना के पृष्ठ 2 पर बिंदु 4 के बाद तालिका में उल्लिखित है, जो बीआईएस को उस उद्योग को दंडित करने की अनुमति देता है जो बीआईएस प्रमाणन प्राप्त नहीं करता है। उन्होंने कहा कि अधिसूचना में उक्त तालिका में मद संख्या 5 ग्रे आयरन कास्टिंग है। मेज पर रखी अन्य वस्तुएं अपने आप में पूर्ण उत्पाद हैं। जबकि ग्रे आयरन का स्पेक्ट्रम बहुत व्यापक होता है, जिसे प्रथम चरण में चिह्नित करना संभव नहीं होता है और इसका उत्पादन सामान्यत: ग्राहक के विनिर्देशों के अनुसार किया जाता है, जो विभिन्न ढलाईघरों से प्राप्त ढलाई से पुर्जे बनाते हैं। वक्ता ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह आइटम अनजाने में जोड़ा गया है क्योंकि यह फाउंड्री को ग्राहक की आवश्यकता या विनिर्देश के अनुसार कास्टिंग का उत्पादन करने की अनुमति नहीं देता है। विभिन्न ग्रे कास्टिंग का उत्पादन किया जाता है जो मानक 210.2009 में शामिल नहीं हो सकते। वे सभी कास्टिंग जो सभी तरफ से मशीनीकृत हैं, उन्हें ट्रैक करने योग्य नहीं बनाया जा सकता। यह उद्योग को प्रतिस्पर्धी रूप से अनुसंधान और उत्पादन करने की स्वतंत्रता नहीं देता। इससे विशेष रूप से सूक्ष्म और लघु इकाइयों पर इंस्पेक्टर राज का एक नया युग शुरू होगा। सूक्ष्म और लघु इकाइयां बीआईएस मानक का अपेक्षित अनुपालन नहीं कर सकतीं। इससे फाउंड्री उद्योग सूक्ष्म और लघु उद्योगों के मानचित्र से पूरी तरह से गायब हो सकता है। लघु उद्योग भारती की तरफ से डा. चब्बेवाल को ज्ञापन देकर मांग की गई कि भारत सरकार के उद्योग व्यापार और वाणिज्य मंत्री से मिलने का समय दिलवाया जाये ताकि सूक्ष्म और लघु फाउंड्री इकाइयों और बड़े पैमाने पर उद्योग को बचाने के लिए उनसे आग्रह किया जा सके। डा. चब्बेवाल ने उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान खुराना ने मेयर रामपाल उप्पल को इंडस्ट्रीय एरिया क्षेत्र में हुए अवैध अतिक्रमणों से उद्योगिक इकाईयों को पेश आ रही समस्याओं से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रीयल एरियां में कब्जों की इतनी भरमार है कि जी.टी. रोड से आने वाले ट्रक चालकों को गंतव्य तक पहुंचने में भारी दिक्कत हो रही है। मेयर उप्पल ने इस समस्या का शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया। संगठन की तरफ से मुख्य अतिथि को समृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया।

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