नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जालंधर स्थित इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी है और न ही कमाई की कोई संभावनाएं। ऐसे में इसका संचालन आगे जारी रखना जमाकर्ताओं के हित में नहीं होगा।

(Publish by : Tanya Pandey
Updated: April 25, 2025 05:28 pm
Rajasthan, India)
RBI ने क्यों उठाया ये कदम?
RBI के मुताबिक बैंक की मौजूदा वित्तीय स्थिति बेहद कमजोर है और वह अपने ग्राहकों को उनकी जमा राशि चुकाने में सक्षम नहीं है। यही वजह है कि अब इस बैंक को ‘बैंकिंग’ से जुड़ी कोई भी गतिविधि — जैसे नई जमा स्वीकार करना या पुरानी लौटाना — करने की इजाजत नहीं होगी।
जमा पैसे का क्या होगा?
RBI ने जानकारी दी है कि बैंक के परिसमापन (liquidation) की स्थिति में जमाकर्ता DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) के तहत ₹5 लाख तक की जमा राशि का दावा कर सकते हैं।
खुशखबरी ये है कि बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, करीब 97.79% जमाकर्ताओं को उनकी पूरी जमा राशि मिल सकेगी। DICGC ने अब तक ₹5.41 करोड़ का भुगतान भी कर दिया है।
अब आगे क्या होगा?
RBI ने पंजाब सरकार के रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज से आग्रह किया है कि बैंक को औपचारिक रूप से बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जाए और एक लिक्विडेटर (परिसमापक) नियुक्त किया जाए।
सारांश में:
- इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस कैंसिल
- बैंकिंग गतिविधियों पर फौरन रोक
- DICGC के तहत ₹5 लाख तक की बीमा सुरक्षा
- 97.79% जमाकर्ताओं को मिलेगा पूरा पैसा
- बैंक अब पूरी तरह बंद किया जाएगा