30 से शुरू हो रहे हैं चैत्र नवरात्रे, जगदंबा के विभिन्न स्वरूपों की उपासक करेंगे उपासनागणेश शंकर विद्यार्थी थे स्वतंत्रता सेनानी, कुशल राजनीतिज्ञ व निष्पक्ष पत्रकार

शहर के मंदिरों में नवरात्र की तैयारियां जोरों पर

गुडग़ांव, 25 मार्च (अशोक): चैत्र मास के नवरात्रे आगामी 30 मार्च से शुरू हो रहे हैं। इस बार 8 दिन के नवरात्रे होंगे, जिसमें मां भगवती के विभिन्न स्वरूपों की श्रद्धालु पूरे विधि-विधान के अनुसार पूजा अर्चना करेंगे। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को सायं 4 बजकर 27 मिनट पर शुरु हो जाएगी, जिसका समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा। यानि कि नवरात्रों की शुरुआत 30 मार्च से शुरु  होगी और उनका समापन 6 अप्रैल को  होगा। उनका कहना है कि इस बार नवरात्र मेें पंचमी तिथि का क्षय हो रहा है। इसलिए नवरात्र 8 दिन के होंगे। उनका कहना है कि नवरात्रे के पहले दिन कलश की स्थापना भी की जाती है। श्रद्धालु बालिकाओं को देवी का रूप मानकर उनका पूजन करते हैं। बडे स्तर पर लोग चैत्र मास के इन नवरात्रों को मनाएंगे। विभिन्न मंदिरों में तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं।
क्या है पौराणिक मान्यता ?


पौराणिक मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सृष्टि का आरंभ हुआ था। इसी दिन देवी ने ब्रह्मा को सृष्टि की रचना करने का कार्यभार सौंपा था व इसी दिन काल गणना भी शुरू हुई थी। देवी भागवत पुराण के अनुसार इसी दिन देवी मां ने सभी देवी-देवताओं के कार्यों का बटवारा किया था। इसलिए चैत्र नवरात्र पर हिंदू नववर्ष का प्रारंभ माना जाता है। सृष्टि आरंभ से पूर्व अंधकार का साम्राज्य था। तब आदि शक्ति जगदम्बा अपने कुष्मांडा अवतार में विभिन्न वनस्पतियों और वस्तुओं को संरक्षित करते हुए सूर्य मंडल के मध्य में स्थापित हुई थी।

माता ने ही की थी ब्रह्मा, विष्णु व शिव की रचना

देवी पुराण के अनुसार जगत निर्माण के समय माता ने ही ब्रह्मा विष्णु और भगवान शिव की रचना की थी। इसलिए सृष्टि के आरंभ की तिथि से नौ दिन तक मां अंबे के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस दिन से ही पंचांग की गणना भी की जाती है। ऐसा माना जाता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म भी चैत्र नवरात्र में ही हुआ था।


वर्ष में आते हैं चार नवरात्र

पंडितों का कहना है कि वर्ष के चैत्र, आषाढ़, अश्विन व माघ को मिलाकर कुल चार नवरात्र आते हैं, लेकिन चैत्र व अश्विन माह के नवरात्रों की अधिक मान्यता है क्योंकि बसंत ऋतु में होने के कारण चैत्र नवरात्र को बासंती नवरात्र भी कहा जाता है। इन नवरात्रों में श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अनुसार व्रत रखकर अपनी मनोकामना पूरी कराते हैं।

शहर के मंदिरों में की जा रही हैं तैयारियां

शहर के विभिन्न मंदिरों सैक्टर 4 के श्रीराम, सैक्टर 9ए स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर, श्रीकृष्ण मंदिर, सिद्धेश्वर, घंटेश्वर, भूतेश्वर मंदिर, माता चिंतपूर्णी, माता शीतला, हनुमान मंदिर, शिव मंदिर, गुफावाला मंदिर, सुदर्शन माता मंदिर, श्री गौरीशंकर मंदिर अािद को रोशनियों से सजाया जा रहा है।

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