
गुरुग्राम। गुरुग्राम के डीएलएफ फेस-1 में बेटी-दामाद से मिलने के लिए आई 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला को शनिवार सुबह वापस पाकिस्तान भेज दिया गया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पनपे विवाद को लेकर एमएचए के आदेश पर गुरुग्राम पुलिस टीम ने महिला को पहले दिल्ली, फिर वहां से अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर छोड़ा। वहां से महिला को लाहौर रवाना किया गया।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान का नाम सामने आने के बाद भारत कड़े कदम उठा रहा है। बीते दिनों गृह मंत्रालय (एमएचए) की ओर से पूरे देश में रहने वाले पाकिस्तानियों की जानकारी एकत्रित की गई।
20 साल पहले तमिलनाडु मूल के युवक से हुआ था निकाह
वहीं, गुरुग्राम में आठ पाकिस्तानियों के होने की जानकारी मिली। इसमें पाकिस्तान के लाहौर की 85 वर्षीय महिला नवाज नसीम भी शामिल थीं। पता चला कि महिला अपनी बेटी शाहिदा से मिलने के लिए 15 दिन पहले गुरुग्राम आई थीं। शाहिदा का निकाह करीब 20 साल पहले भारत के तमिलनाडु मूल के युवक से हुआ था। दोनों होटल के कारोबार से जुड़े हैं और कई साल से गुरुग्राम के डीएलएफ-फेस-एक में रह रहे हैं।
इसी महीने समाप्त हो रहा था महिला का वीजा
गुरुग्राम एफआरओ ब्रांच ने इसकी जानकारी एमएचए को दी। वहां से गाइडलाइन मिलने के बाद गुरुग्राम की टीम ने बुजुर्ग महिला को दिल्ली से होते हुए अटारी बॉर्डर पर पहुंचाया। महिला का वीजा इसी महीने समाप्त हो रहा था। बुजुर्ग महिला की बेटी और बेटा मूल रूप से कनाडाई हैं। महिला की शादी कनाडाई व्यक्ति से हुई थी। किंतु किसी कारणवश वर्षों पहले महिला वापस पाकिस्तान में रहने आ गई थी।
जिले में 3 पाकिस्तानी हिंदू समेत रह रहे सात लोग
विदेशी पंजीकरण कार्यालय (एफआरओ) गुरुग्राम ब्रांच की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में तीन पाकिस्तानी हिंदू समेत सात नागरिक वर्षों से रह रहे हैं। उनमें से छह नागरिकों ने एमएचए से लॉन्ग टर्म वीजा के लिए अप्लाई कर रखा है। भारत सरकार की ओर से उनके लिए गाइडलाइन या वीजा मिलने का इंतजार किया जा रहा है।
वहीं, एक पाकिस्तानी महिला ने गुरुग्राम के ही एक व्यक्ति से शादी कर रखी है। ये दोनों फिलहाल मानेसर जोन में रह रहे हैं। गुरुग्राम पुलिस भी भारत सरकार की गाइडलाइन का इंतजार कर रही है।