नई दिल्ली: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं। इस बार मामला है उनके द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर दिए गए विवादास्पद बयान का, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

(Publish by : Tanya Pandey
Updated: May 01, 2025 10:37 am
Rajasthan, India)
उनके इस बयान को लेकर कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना के अपमान का आरोप लगाया है। अब यह मामला हाई कोर्ट तक पहुंच चुका है, जहां आने वाले दिनों में विवादास्पद बयान पर सुनवाई की जाएगी।
क्या कहा था रॉबर्ट वाड्रा ने?
हालिया आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को लेकर वाड्रा ने एक बयान दिया था, जिसे कई लोगों ने “सहानुभूति से परे और राजनीतिक रूप से असंवेदनशील” करार दिया। हालांकि वाड्रा ने बाद में सफाई भी दी कि उनका आशय सरकार की सुरक्षा रणनीति पर सवाल उठाना था, न कि सैनिकों का अपमान।
“हम अपने जवानों की शहादत का राजनीतिक फायदा उठाना बंद करें, और असली समाधान की ओर बढ़ें,” — रॉबर्ट वाड्रा (विवादित बयान)
अब कोर्ट की निगरानी में मामला
विरोध और याचिकाओं के बाद अब यह मुद्दा दिल्ली हाई कोर्ट में पहुंच चुका है, जहां मानहानि व सार्वजनिक शांति भंग करने की आशंका के आधार पर सुनवाई की जाएगी। याचिका में मांग की गई है कि वाड्रा से बयान पर स्पष्टीकरण और माफी की मांग की जाए, और यदि जरूरत हो तो कानूनी कार्रवाई भी की जाए।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
- भाजपा नेताओं ने इस बयान को सेना का अपमान बताया और वाड्रा को राष्ट्रविरोधी सोच का प्रतीक कहा।
- वहीं कांग्रेस पार्टी ने खुद को वाड्रा के बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार था, पार्टी की राय नहीं।
निष्कर्ष:
रॉबर्ट वाड्रा के बयान ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि राजनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों को बयानबाज़ी के लिए कैसे इस्तेमाल किया जाता है। अब सबकी नजरें कोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां तय होगा कि वाड्रा के बयान की सीमाएं संविधान और कानून के तहत कितनी स्वीकार्य हैं।