दिल्ली: कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की आज यानी 2 मई को होने वाली बैठक कई मायनों में बेहद अहम मानी जा रही है। इस बैठक में पार्टी दो प्रमुख प्रस्ताव पारित करने की तैयारी में है, जो न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि सामाजिक न्याय के सवालों से भी जुड़े हुए हैं। इन प्रस्तावों के ज़रिए कांग्रेस एक तरफ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर केंद्र सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सरकार से ठोस समयसीमा और नीति स्पष्ट करने की अपील करने जा रही है।

(Publish by : Tanya Pandey
Updated: May 02, 2025 03:23 pm
Rajasthan, India)
● पहला प्रस्ताव: पाकिस्तान के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग
पार्टी का पहला प्रस्ताव सीधे तौर पर 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले से जुड़ा है, जिसमें 26 लोगों की जान गई। कांग्रेस का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का ताजा उदाहरण है, और सरकार को सिर्फ बयानबाजी से आगे बढ़कर सख्त कूटनीतिक व सामरिक कदम उठाने चाहिए।
कांग्रेस नेताओं का यह भी मानना है कि अगर मोदी सरकार इस हमले के बाद निर्णायक कार्रवाई नहीं करती है, तो यह देश की सुरक्षा नीति पर गंभीर सवाल खड़े करेगा। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस प्रधानमंत्री से पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाक को बेनकाब करने और आतंक के मुद्दे को वैश्विक एजेंडे पर फिर से मजबूती से रखने की मांग करेगी।
● दूसरा प्रस्ताव: जातिगत जनगणना पर ठोस टाइमलाइन की मांग
बैठक में कांग्रेस जातिगत जनगणना को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति पर भी चर्चा करेगी। पार्टी का कहना है कि भले ही केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर सहमति जताई हो, लेकिन अब तक न तो कोई समयसीमा तय की गई है और न ही यह स्पष्ट किया गया है कि आंकड़ों के आधार पर किस तरह की नीतिगत कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में जातिगत जनगणना को “नए विकास मॉडल” की नींव बताया था। अब पार्टी इस मुद्दे को मजबूती से उठाकर सामाजिक न्याय और बहुसंख्यक पिछड़े वर्गों के हक की लड़ाई को जन-आंदोलन का रूप देना चाहती है।
● संगठनात्मक बदलावों पर भी मंथन संभव
सूत्रों के अनुसार, बैठक में कांग्रेस अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए ज़िला व ब्लॉक स्तर पर बदलावों पर भी चर्चा कर सकती है। पार्टी का प्रयास है कि 2024 लोकसभा चुनाव में मिले समर्थन को 2029 तक बनाए रखा जाए और आगामी राज्यों के चुनावों में ज़मीन पर सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई जाए।
● राहुल गांधी की भूमिका पर भी हो सकती है चर्चा
बैठक में राहुल गांधी की भूमिका को लेकर भी चर्चा हो सकती है। माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व उन्हें भविष्य के रोडमैप का चेहरा बनाकर पेश करने की तैयारी में है। खासकर युवाओं और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों पर राहुल गांधी की पकड़ को देखते हुए कांग्रेस उन्हें पार्टी के अगले प्रमुख रणनीतिकार के रूप में स्थापित करने की ओर बढ़ सकती है।
निष्कर्ष:
CWC की यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब देश आतंकवाद और सामाजिक विभाजन जैसे मुद्दों से जूझ रहा है। कांग्रेस इन दोनों सवालों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के साथ-साथ अपनी वैचारिक स्पष्टता और सियासी रणनीति को धार देने की कोशिश कर रही है। आने वाले दिनों में पार्टी इन प्रस्तावों के ज़रिए जनता के बीच अपनी सक्रिय भूमिका को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है।