जस्टिस सूर्यकांत ने माना एससी समाज के जज प्रेम कुमार को बनाया गया जातिगत भेदभाव का शिकार : माईकल सैनी
जस्टिस सूर्यकांत को क्यों कहना पड़ा कि हाईकोर्ट में चल रहा था पक्षपात का गंदा खेल ? : माईकल सैनी

गुरुग्राम 6 मई 2025 एससी जज के पक्ष में उतरे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत जिन्होंने 2014 में पंजाब के एडिशनल सेशन जज प्रेम कुमार उपेक्षित समुदाय (एससी) को उनकी संदिग्ध निष्ठा के नाम पर चलाए गए बर्खास्तगी के मामले में न केवल बरी किया बल्कि उन्हें पदोन्नति भी दी !
उन्होंने सोमवार को खुली अदालत में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पंजाब के सेशन जज प्रेम कुमार जातिगत भेदभाव, पक्षपात और परिस्थितियों के शिकार हुए,
उन्होंने कहा कि जज के खिलाफ रचा गया मामला (सडयंत्र) पूर्वनियोजित था, ऊँचे समुदाय के लोग यह बर्दास्त ही नहीं कर पाए कि उपेक्षित समुदाय से आने वाला यह (मोची) लड़का कम उम्र में जज बनकर उनके बीच कैसे बैठ गया और 2015 में जिसे महज एक आरोपी की शिकायत के आधार पर विजिलेंस जाँच शुरू कर उनकी ईमानदारी संदिग्ध बता बर्खास्त कर दिया गया !
जब पीड़ित जज द्वारा बर्खास्तगी को अनुचित मानते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई तो दस साल उपरांत जनवरी 2025 में सबूतों के आभाव में उनकी बर्खास्तगी रद्द करनी पड़ी मगर हाईकोर्ट के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में अपर कास्ट जजों के वकील पटवालिया ने चुनौती दी और दलिले पेश की तो मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सूर्यकांत ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप चाहते हैं कि मै वह सब ओपन कोर्ट में बोलूं तो मुझे तनिक भी गुरेज नहीं होगा कि जज प्रेम कुमार को दोषी ठहराने का भरस्क प्रयास हुआ, कैसे जज की निष्ठां को एक अपराधी की शिकायत पर संदिग्ध बना दिया गया, इस बीच सवर्णो के वकील पटवालिया जब कुछ कहना चाह रहे थे तभी जस्टिस सूर्यकांत ने उन्हें टोकते हुए कहा आप वहां नहीं थे, मैंने देखा है और मैं बहुत कुछ जानता हूँ कि हाई कोर्ट में कैसी बातें और व्यवहार हुआ मुझे सब पता है !
उन्होंने कहा कि (बाप मोची और माँ मजदूर ) उपेक्षित समाज से होने के बावजूद प्रेम कुमार अपनी मेहनत से सेशन जज के पद तक पहुंचे है, जिनकी एसीआर रिपोर्ट बताती है कि वह मामलों को सुनने, फैंसला सुनाने व मामलों का निपटारा करने में कहीं बेहतर सिद्ध होते हैं, उनके विषय में अनेकों बातें उल्लेखनीय हैं मगर कुछ लोगों ने अचानक शिकायत आने पर ही जज प्रेम कुमार का सबकुछ बर्बाद कर दिया ?