भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को और मजबूत करते हुए पाकिस्तान की भूमिका को दुनिया के सामने उजागर करने के लिए एक बड़ी कूटनीतिक पहल की है। सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 देशों के दौरे पर भेजने का निर्णय लिया है, जो 21 मई से 5 जून 2025 तक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारत का पक्ष रखेंगे।

(Publish by : Tanya Pandey
Updated: May 21, 2025 12:54 pm
Rajasthan, India)
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले के बाद वैश्विक संदेश
यह राजनयिक अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य भारत की ‘आतंकवाद के लिए शून्य सहिष्णुता’ (Zero Tolerance) नीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पष्ट करना और पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क को दुनिया के सामने लाना है।
आज दो डेलिगेशन होंगे रवाना
आज, 21 मई को दो प्रतिनिधिमंडल अपने-अपने अंतरराष्ट्रीय मिशन पर रवाना होंगे।
- पहला प्रतिनिधिमंडल जेडीयू नेता संजय झा के नेतृत्व में जापान रवाना होगा और आगे इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर का दौरा करेगा।
- दूसरा प्रतिनिधिमंडल शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे की अगुवाई में यूएई पहुंचेगा और फिर कांगो, सियरा लियोन और लाइबेरिया जाएगा।
शिंदे के डेलिगेशन में कौन-कौन?
श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में राजनीतिक दलों के साथ-साथ राजनयिक विशेषज्ञ भी शामिल हैं:
- बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज, अतुल गर्ग, मनन कुमार मिश्रा
- पूर्व केंद्रीय मंत्री एस.एस. अहलूवालिया
- IUML सांसद ई.टी. मोहम्मद बसीर
- बीजद सांसद सस्मित पात्रा
- पूर्व राजनयिक सुजान चिनॉय
तीसरे और छठे डेलिगेशन का शेड्यूल
डेलिगेशन 3:
- नेतृत्व: जेडीयू सांसद संजय झा
- यात्रा: 22 मई – जापान, 24 मई – दक्षिण कोरिया, 27 मई – सिंगापुर, 28 मई – इंडोनेशिया, 31 मई – मलेशिया
- अन्य सदस्य: बीजेपी की अपराजिता सारंगी, बृजलाल, प्रदान बरुआ, डॉ. हेमांग जोशी, टीएमसी के अभिषेक बनर्जी, सीपीएम के जॉन ब्रिटास, कांग्रेस के सलमान खुर्शीद, राजनयिक मोहन कुमार
डेलिगेशन 6:
- नेतृत्व: डीएमके सांसद कनिमोझी
- यात्रा: 22 मई – रूस, 25 मई – स्लोवेनिया, 27 मई – ग्रीस, 29 मई – लात्विया, 31 मई – स्पेन
- सदस्य: सपा के राजीव राय, नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ, बीजेपी के कैप्टन बृजेश चौटा, राजद के प्रेमचंद गुप्ता, आम आदमी पार्टी के अशोक मित्तल, पूर्व राजनयिक मंजीव पुरी और जावेद अशरफ
सात प्रतिनिधिमंडल, एक साझा लक्ष्य
सभी सात प्रतिनिधिमंडल दुनिया के अलग-अलग भूभागों में जाएंगे – अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व। इनका नेतृत्व वरिष्ठ नेताओं जैसे रविशंकर प्रसाद, बजयंत पांडा, संजय झा, शशि थरूर, कनिमोझी, सुप्रिया सुले और श्रीकांत शिंदे के हाथ में है। इन प्रतिनिधियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी सदस्य देशों के साथ-साथ अन्य प्रभावशाली देशों से संवाद करने का जिम्मा सौंपा गया है।
विदेश मंत्रालय की विस्तृत ब्रीफिंग
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इन प्रतिनिधिमंडलों को विस्तृत ब्रीफिंग दी, जिसमें उन्हें पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के 40 वर्षों से अधिक लंबे इतिहास के साक्ष्य बताए गए – 2008 के मुंबई हमलों के डीएनए प्रमाण, कॉल रिकॉर्ड्स और पाकिस्तान की निष्क्रियता भी इनमें शामिल थी।
कांग्रेस ने जताई नाराजगी
कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडल के चयन को लेकर आपत्ति जताई है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित चार नामों में से सिर्फ आनंद शर्मा को शामिल किया गया, जबकि शशि थरूर की भागीदारी पार्टी की आधिकारिक स्वीकृति नहीं है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत के इस कूटनीतिक दबाव का जवाब देने के लिए पाकिस्तान ने भी पीपुल्स पार्टी नेता बिलावल भुट्टो के नेतृत्व में एक वैश्विक प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान ‘शांति की वकालत’ करने का दावा कर रहा है, लेकिन भारत का यह अभियान वैश्विक समुदाय को आतंकवाद के प्रति और अधिक सतर्क करने का प्रयास है।