Premanand Maharaj: भगवान की प्राप्ति के लिए अन्न-जल का त्याग करना चाहिए या नहीं? प्रेमानंद महाराज ने समझाया

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज कहते हैं भगवत प्राप्ति के लिए अन्न-जल त्यागने की आवश्यकता नहीं है। बहुत बड़े महापुरुषों के वचनों को ध्यान से सुनना चाहिए। अन्न-जल का त्याग कर देने से भगवान के दर्शन नहीं हो सकते।

Premanand Maharaj: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज राधा नाम जपने का संदेश युवाओं को दे रहे हैं। नाम जप की महिमा का बखान करते हुए परमानंद महाराज कहते हैं कि संसार के चक्र से मुक्त होने का एकमात्र सरल और सुगम साधन है वह है ईश्वर का नाम। भगवान का नाम लेते रहने से आप इस जन्म मरण रूपी बंधन से मुक्त हो जाएंगे।

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि भगवत प्राप्ति के मार्ग में भगवान के नाम का सुमिरन सबसे सरल उपाय है। दिन-रात, सोते-जागते, उठते-बैठते भगवान का नाम जप करना सबसे सरल है और इससे भगवान की प्राप्ति भी आसानी से हो जाएगी। साथ ही आपके जीवन से दुख, दर्द भी हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।

भगवत प्राप्ति के लिए अन्न-जल त्यागने की आवश्यकता नहीं- प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज कहते हैं भगवत प्राप्ति के लिए अन्न-जल त्यागने की आवश्यकता नहीं है। बहुत बड़े महापुरुषों के वचनों को ध्यान से सुनना चाहिए। अन्न-जल का त्याग कर देने से भगवान के दर्शन नहीं हो सकते। अगर होते-होते तो कोई भी कर सकता था। अन्न-जल त्यागने का कोई शास्त्रीय नियम नहीं है, ना ही संतों ने नियम नहीं बनाए हैं। क्या अन्न-जल का त्याग कर दो तो भागवत की प्राप्ति हो जाएगी। बिल्कुल नहीं, बल्कि ऐसा करने से एक तरह का अहंकार ही उत्पन्न होता है।

आचरण पवित्र रखिए, शाकाहारी भोजन करिए, भगवान के नाम का सुमिरन करिए – प्रेमानंद महाराज

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि आप अपना आचरण पवित्र रखिए, शाकाहारी भोजन करिए, शुद्ध भोजन करिए और भगवान के नाम का सुमिरन करिए यही एक सरल मार्ग है, जो आपको भगवत प्राप्ति में मदद करेगा और एक न एक दिन आपका ईश्वर से मिला ही देगा।

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