JNU Admission 2025: जेएनयू दो पीएचडी पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा, जानें ले सब्जेक्ट का नाम

  • JNU Phd Admission 2025: जेएनयू यूजीसी-नेट के अंतर्गत न आने वाले दो पीएचडी पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया है. इस बीच, JNU छात्रसंघ (JNUSU) ने सभी PhD पाठ्यक्रमों के लिए JNUEE को पुनः लागू करने की मांग को लेकर पिछले गुरुवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है.

नई दिल्ली:

JNU Phd Admission 2025: जेएनयू यानी जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में पीएचडी एडमिशन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. ताजा अपडेट है कि यूनिवर्सिटी यूजीसी-नेट के अंतर्गत न आने वाले दो पीएचडी पाठ्यक्रमों- कोरियन स्टडीज (Korean Studies) और सिनेमा स्टडीज (Cinema Studies) के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया है. जेएनयू कोरियन स्टडीज और सिनेमा स्टडीज के पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा यानी जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JNUEE) आयोजित करेगा. जबकि अन्य सभी डॉक्टरेट डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नेट स्कोर के आधार पर होंगे.

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पीएचडी प्रवेश तीन श्रेणियों के तहत दिए जा रहे हैं- जेआरएफ, नेट और गेट (केवल इंजीनियरिंग स्कूल के लिए लागू). आवेदकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आधिकारिक ई-प्रॉस्पेक्टस में उल्लिखित शैक्षणिक और परीक्षा-आधारित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं. उम्मीदवारों को प्रत्येक श्रेणी-जेआरएफ, नेट और गेट के लिए अलग-अलग आवेदन करना आवश्यक है.

कैसा होगा चयन 

जेएनयू पीएचडी 2025 एडमिशन के लिए छात्रों को ओरल टेस्ट और इंटरव्यू लेगा. ओरल टेस्ट के 18 जुलाई तक होने की संभावना है, वहीं इंटरव्यू 25 से 31 जुलाई के बीच लिए जाएंगे. 

11 अगस्त को फर्स्ट मेरिट लिस्ट

जेएनयू पीएचडी एडमिशन के लिए फर्स्ट मेरिट लिस्ट 11 अगस्त को जारी करेगा. इस लिस्ट के लिए पूर्व-नामांकन और शुल्क भुगतान 11 से 13 अगस्त तक होगा, उसके बाद 18 से 21 अगस्त तक छात्रों के डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन किया जाएगा. इसके बाद सेकेंड मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी. जेएनयू पीएचडी एडमिशन 2025 की सेकेंड मेरिट लिस्ट 29 अगस्त को जारी करेगा, जिसके बाद की औपचारिकताएं 5 सितंबर तक समाप्त हो जाएंगी. जेएनयू यदि आवश्यक हुआ तो थर्ड और अंतिम मेरिट लिस्ट जारी करेगा, जिसके लिए वेरिफिकेशन 23 सितंबर को समाप्त होगा. फाइनल एडमिशन की प्रक्रिया 30 सितंबर 2025 को समाप्त होगी. इसके बाद क्लासेस शुरू होंगे. 

एक सूत्र ने बताया, ” सभी डीन ने इस प्रक्रिया को स्वीकार किया और इस पर हस्ताक्षर किया है. यह निर्णय उनका अपना है, न कि कुलपति या प्रशासन का.” सूत्र ने जोर दिया कि यह कदम स्कूलों की स्वायत्तता का परिणाम है. जेएनयू प्रशासन ने यह भी बताया कि नेट-जेआरएफ और सीयूईटी (CUET) जैसी परीक्षाएं अधिक समावेशी और व्यापक रूप से सुलभ हैं.एक अधिकारी ने कहा, “पहले JNUEE लगभग 80 केंद्रों पर आयोजित होती थी, जबकि नेट-जेआरएफ (NET-JRF) अब 200 से अधिक केंद्रों पर और सीयूईटी लगभग 500 केंद्रों पर आयोजित की जाती है.” इसके साथ ही उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि JNU का प्रकाशन रिकॉर्ड प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जो विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता को दर्शाता है.

JNU छात्रसंघ का विरोध

इस बीच, जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) ने सभी पीएचडी पाठ्यक्रमों के लिए जेएनयूईई को पुनः लागू करने की मांग को लेकर पिछले गुरुवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है, जो पांचवें दिन भी जारी है. जेएनयूएसयू (JNUSU) अध्यक्ष नितीश कुमार ने PTI को बताया, “कोरियन स्टडीज और सिनेमा स्टडीज के लिए नेट में कोई विषय उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए प्रशासन को इन दो विषयों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करनी पड़ रही है.”

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छात्रसंघ का कहना है कि सभी PhD पाठ्यक्रमों के लिए जेएनयूएसयू को फिर से लागू करना चाहिए, क्योंकि यह प्रक्रिया जेएनयू की विशिष्ट शैक्षणिक संस्कृति और आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से पूरा करती है. मंगलवार को कुलपति के साथ निर्धारित बैठक बिना किसी सूचना के स्थगित कर दी गई, जिससे छात्रों का आक्रोश और बढ़ गया. मंगलवार को कुलपति के साथ होने वाली बैठक बिना किसी पूर्व सूचना के स्थगित कर दी गई. यह विरोध पिछले गुरुवार को शैक्षणिक वर्ष 2025’26 के लिए पीएचडी प्रवेश कार्यक्रम जारी होने के बाद शुरू हुआ. 

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