
Cab fare hike: नई गाइडलाइंस के तहत पीक टाइम में दोगुना किराया, राइड कैंसिल करने पर लगेगा जुर्माना; ड्राइवरों के लिए बीमा भी अनिवार्य।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को Ola, Uber और Rapido जैसी कैब सर्विस देने वाली कंपनियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने इन्हें पीक टाइम यानी ट्रैफिक या डिमांड ज्यादा होने के वक्त बेस किराए से दोगुना तक किराया वसूलने की मंजूरी दे दी है। पहले ये लिमिट 1.5 गुना तक थी। वहीं, नॉन-पीक आवर्स यानी कम डिमांड वाले वक्त में कंपनियों को कम से कम 50% किराया लेना जरूरी होगा।
यह फैसला सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने नई Motor Vehicle Aggregator Guidelines 2025 के तहत लिया है। मंत्रालय ने राज्यों को इन नई गाइडलाइंस को अपनाने के लिए 3 महीने का समय दिया है।
ड्राइवर या पैसेंजर अगर बिना वजह राइड कैंसिल करेगा तो लगेगा जुर्माना
परिवहन मंत्रालय ने कहा है कि अगर कोई ड्राइवर राइड एक्सेप्ट करने के बाद बिना किसी ठोस वजह के उसे कैंसिल करता है, तो उस पर किराए का 10% तक जुर्माना लगेगा, जो अधिकतम ₹100 तक हो सकता है। यही नियम पैसेंजर पर भी लागू होगा। अगर पैसेंजर बिना किसी कारण के राइड कैंसिल करता है, तो उसे भी ऐसा ही जुर्माना भरना होगा।
ड्राइवरों के लिए बीमा जरूरी
नई गाइडलाइंस के मुताबिक, कैब एग्रीगेटर कंपनियों (जैसे Ola, Uber वगैरह) को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके सभी ड्राइवरों के पास कम से कम ₹5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस और ₹10 लाख का टर्म इंश्योरेंस हो।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने साफ किया है कि अलग-अलग कैटेगरी के वाहनों के लिए बेस किराया तय करना अब राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी। यह वही किराया होगा जो एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म से बुकिंग करने वाले पैसेंजर्स से लिया जाएगा।
गाइडलाइंस के मुताबिक, किसी भी ड्राइवर को, जिसे एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्ड किया गया है, बेस किराए का कम से कम 80% हिस्सा मिलेगा। इसमें ड्राइवर का सारा खर्च शामिल होगा। बाकी का 20% एग्रीगेटर अपने हिस्से (Apportioned Fare) के तौर पर रख सकता है। पेमेंट ड्राइवर को डेली, वीकली या फोर्टनाइटली बेसिस पर किया जा सकता है—जैसा कि एग्रीगेटर और ड्राइवर के बीच हुए एग्रीमेंट में तय हो।
सवारी की सुरक्षा के लिए सख्त निर्देश: ऐप बेस्ड कैब कंपनियों को दिए गए नए नियम
सवारी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने ऐप बेस्ड कैब सर्विस देने वाली कंपनियों को कुछ ज़रूरी नियमों का पालन करने के लिए कहा है। इन निर्देशों के तहत कंपनियों को नीचे दिए गए कदम उठाने होंगे:
- हर गाड़ी में Vehicle Location and Tracking Device (VLTD) लगाना ज़रूरी होगा।
- ये डिवाइस हर समय चालू और सही हालत में रहनी चाहिए।
- VLTD से मिलने वाला लोकेशन डेटा कंपनी तक लगातार पहुंचता रहे।
- यह डेटा राज्य सरकार के Command and Control Centre से भी जुड़ा होना चाहिए ताकि गाड़ियों की निगरानी की जा सके।
इसके अलावा, ड्राइवर को ऐप में दिखाए गए रूट के हिसाब से ही गाड़ी चलानी होगी। अगर कोई गड़बड़ी या रूट से हटने की स्थिति आती है, तो ऐप तुरंत कंट्रोल रूम को अलर्ट करेगा। इसके बाद कंट्रोल रूम ड्राइवर और पैसेंजर से फौरन संपर्क करेगा।
साथ ही, ऐप में एक ऐसा सिस्टम होना चाहिए जिससे पैसेंजर ये कन्फर्म कर सके कि जो ड्राइवर सफर करवा रहा है, वही व्यक्ति है जो पुलिस वेरिफिकेशन के बाद कंपनी में रजिस्टर्ड हुआ था।